वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
1. दलहन फसल वाले पौधे की जड़ की गाँठ में पाया जाता है
(क) नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु
(ख) पोटाशियम स्थिरीकरण जीवाणु
(ग) फॉस्फेटी स्थिरीकरण जीवाणु
(घ) कोई नहीं
उत्तर(क)
2. शाही लीची विहार में मुख्यतः होता है
(क) हाजीपुर
(ख) समस्तीपुर
(ग) मुजफ्फरपुर
(घ) सिवान
उत्तर-(ग)
3. रवी फसल बोया जाता है
(क) जून-जुलाई
(ख) मार्च-अप्रैल.
(ग) नवम्बर
(घ) सितम्बर-अक्टूबर
उत्तर-(ग)
4. केला बिहार में मुख्यतः होता है
(क) समस्तीपुर
(ख) हाजीपुर
(ग) सहरसा
(घ) मुजफ्फरपुर
उत्तर-(ख)
5. चावल, बिहार के किस जिले में सबसे ज्यादा उत्पादन करता है?
(क) सिवान
(ख) रोहतास
(ग) सीतामढ़ी
(घ) हाजीपुर
उत्तर-(ख)
6. – गरमा फसल किस ऋतु में होता है?
(क) ग्रीष्म ऋतु ,
(खु) शरद ऋतु
(ग) वर्षा ऋतु
(घ) वसंत ऋतु
उत्तर-(क)
7.रेशेदार फसल को चुनें
(क) आम
(ख) लीची
(ग) धान
(घ) कपास
उत्तर-(घ)
8.अगहनी फसल को चुने
(क) चावल (ख) जुट (ग) मूंग (घ) गेहूँ
उत्तर-(क)
उपयुक्त शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
1.कपास एक………फसल है। रेशेदार)
2.मक्का ………..फसल है। (खाद्य)
3.भारत एक……..प्रधान देश है।(कृषि प्रधान)
4.भारत की………तिहाई जनसंख्या कषि पर निर्भर है।( दो तिहाई)
5. एग्रिकल्चर लैटिन भाषा के दो शब्दों…..तथा……..से बना है। (एग्रोस, कल्चरा)
6. चावल सर्वाधिक……..जिला में उत्पन्न होता है। उत्तर-रोहतास
7. बिहार की कृषि गहन निर्वाहक प्रकार की है, जिसके अन्तर्गत वर्ष में ………….फसलें बोयी या काटी जाती हैं। उत्तर-चार।
8. चावल के लिए………जलवायु की आवश्यकता है। उत्तर-ठष्णाई।
9.गेहूँ के लिए…… मिट्टी चाहिए। उत्तर-हल्की दोमट।
10. मकई के लिए…………जलवायु की आवश्यकता है। उत्तर-गर्म एवं आई।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. भारत में मुख्यतः कितने प्रकार की कृषि होती है?
उत्तर-भारत में मुख्यतः चार प्रकार की खेती होती है।
प्रश्न 2. रवी फसल और खरीफ फसल में क्या अंतर है?
रबी फसल
(i)इनकी बुआई अक्टूबर-नवम्बर में तथा कटाई मार्च अप्रैल में होती है।
(ii) इनमें सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ती है।
(iii) प्रमुख फसलों में गेहूँ, जौ, चना, मटर,सरसों, मसूर, खेसारी, अरहर इत्यादि प्रमुख हैं।
खरीफ फसल
(i) इनकी बुवाई मई-जून में तथा कटाई अगस्त सितंबर में होती है
(ii) इनमें सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं होती।
(iii) प्रमुख फसलों में मक्का, ज्वार ,बाजरा ,उड़द, सनई, मरवा प्रमुख हैं
प्रश्न 3. पादप-संकरण क्या है?
उत्तर-पादप संकरण एक वैज्ञानिक पद्धति है, जिसके तहत उच्च प्रकार के बीजों के किस्मों का विकास किया जाता है।
प्रश्न 4. मिश्रित खेती क्या है?
उत्तर-खेती की वह विधि जिसमें एक ही समय में एक ही खेत में दो या तीन फसलें उगाई जाती हैं। इस विधि में एक ही समय में विभिन्न प्रकार के फसलों की खेती होती है।
प्रश्न 5. हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-1960 के दशक में हरित क्रांति की वजह से खाद्यान्न उत्पन्न में आशा से अधिक बढ़ोतरी हुई थी। इसमें कृषि के लिए उच्च वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग होता है। पादप द्वारा उच्च किस्म के बीजों का विकास का उनका प्रयोग करते हैं जिससे समय से पूर्व अच्छी फसल प्राप्त हो जाती है। उर्वरक, पीड़क-नाशी, खरपतवारनाशी, आदि का प्रयोग तथा विकसित सिंचाई और आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग से कृषि एक व्यवसाय के रूप में विकसित हुई।
प्रश्न 6. गहन खेती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-जब सिंचाई करना संभव हो गया, तो किसानों ने उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग बड़े पैमाने पर करना शुरू किया। कृषि की विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए मशीनों का प्रयोग शुरू होने लगा। गहन खेती का अर्थ है एक ही खेत में अधिक फसल लगाना।
प्रश्न 7. झूम खेती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-आदिवासी समाज पृथ्वी को अपनी माता के समान मानते हैं, और उस पर हल चलाना चाहते, इस लिए वे खेती करने के लिए एक विशेष प्रकार की विधि अपनाते हैं, जिसे झूम खेती कहते हैं। इसके अंतर्गत वे वर्षा का मौसम आने से पहले जंगलों में आग देते थे, और उसके राख पर बीज छिड़क देते थे। वर्षा होने पर उस बीज में से पौधे निकलने लगते थे।
प्रश्न 8. फसल चक्र के बारे में लिखें।
उत्तर-एक ही जमीन पर हमेशा एक ही फसल उगाने से उस खेत की उर्वरा-शक्ति कम होने लगती है। इसलिए, दो खाद्यान्न फसलों को उगाने के बीच में एक दलहन फसल उगाई जाती है, जिससे खेत की उर्वराशक्ति बनी रहती है। इस विधि को फसल चक्र कहते हैं।दो खाद्यान्न फसलों के बीच दलहन फसलें इसलिए लगायी जाती हैं, क्योंकि दलहन फसली के जड़ों की गाँठ में नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु पाए जाते हैं, जो वातावरण के नाइट्रोजन का स्थिरीकृत करके भूमि की उर्वरा-शक्ति बढ़ाते हैं।
प्रश्न 9. रोपण या बगानी खेती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-19वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने एक प्रकार की कृषि की शुरुआत की थी, जिसे रोपण कृषि कहते हैं। यह एक विशेष प्रकार की झाड़ी कृषि अथवा वृक्ष कृषि है। यह एकल फसल कृषि है। इस खेती में रबड़, चाय, कहवा, कोको, मसाले, नारियल और फलों में सेब, अंगर.संतरा आदि की खेती की जाती है। इस प्रकार की खेती करने के लिए अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की खेती भारत की उत्तर-पूर्वी पर्वतीय क्षेत्रों में, पश्चिम बंगाल के उप हिमालयी क्षेत्रों तथा प्रायद्वीपीय भारत के नीलगिरी, अन्नामलाई व इलायची की पहाड़ियों में की जाती है।
प्रश्न 10. वर्तमान समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के उपाय बतावें।
उत्तर-वर्तमान समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिए ग्रामीणों को आधुनिक कृषि का प्रयोग करना चाहिए। वैसी फसलों का उत्पादन होना चाहिए जिससे अधिक आमदनी हो। कृषकों के आर्थिक लाभ के लिए सरकार को ऋण मुहैया करवाना चाहिए तथा बीमा के द्वारा फसल उत्पादन को संरक्षण भी प्रदान करना चाहिए। इससे उत्पादन की बढ़ोतरी होती है तथा लोगों को रोजगार भी मिलता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. भारत एक कृषि प्रधान देश है, कैसे?
उत्तर-भारत एक कृषि प्रधान देश है, और भारतीय समाज एक कृषक समाज है। कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाती है। क्योंकि भारत के कुल राष्ट्रीय आय का लगभग 3596 कृषि से प्राप्त होता है। भारत के कुल आबादी का 23 हिस्सा कृषि पर निर्भर है। विश्व की 1196 भूमि कृषि योग्य है वहीं भारत की 519 भूमि कृषि योग्य है। भारत के पास विशाल स्थल भू-भाग हैं जो उच्च गुणवत्ता की भूमि पाई जाती है। अत: भारतीय समाज एक खेतिहर समाज है।
प्रश्न 2. कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण लाभदायक है। कैसे?
उत्तर-कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण लाभदायक है, पारंपरिक खेती से किसानों की उपज अच्छी नहीं होती। एक ही बीज के बार-बार प्रयोग से बीज की गुणवत्ता क्षीण हो जाती है। वहीं एक ही प्रकार की फसल बार-बार लगाने से मृदा की उर्वरा-शक्ति भी घट जाती है। सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भरता के कारण अतिवृष्टि या अनावृष्टि से फसल नष्ट हो जाती थी। वही वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने से उत्पादन में बढ़ोतरी हई है। उन्नत बीजों के प्रयोग से कम समय में ही अच्छी फसल प्राप्त होती है। उर्वरक के प्रयोग से मिट्टी की उत्पादन क्षमता बनी रहती है। कीटनाशी तथा खरपतवारनाशी के प्रयोग से फसल को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। सिंचाई के तरह-तरह के साधनों के प्रयोग से पौधों में नमी बनी रहती है। आधुनिक यंत्रों के कारण कृषि-कार्य संभव हो पाता है और समय की बचत भी होती है।
प्रश्न 3. “विहार में कृषि मानसून के साथ जुआ है। कैसे?
उत्तर-बिहार में कृषि में सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि अनावृष्टि हुई तो सूखे की स्थिति हो सकती है और यदि अतिवृष्टि हुई तो बाढ़ से भी फसल तबाह हो सकती है। अर्थात् कृषक अंतिम समय तक अपने उत्पादन को लेकर अनिश्चित रहते हैं। सिंचाई के लिए वर्षा पर इसी निर्भरता के कारण कहा जाता है कि बिहार में कृषि मानसून है।
प्रश्न 4. कृषि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम हो सकता है। कैसे?
उत्तर-वैज्ञानिक विधियों को अपनाने से कृषि के उत्पादन में वृद्धि होती है। कृषि के अधिशेष तथा उद्योग आधारित कच्चे माल की अत्यधिक उत्पादन से कृषकों की अर्थव्यवस्था सुद्ध होगी। अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होने से उनके रहन-सहन का स्तर बढ़ेगा। लोग उच्च शिक्षा की और अग्रसर होंगे। आमदनी बढ़ने से लोग यंत्रीकृत खेती की शुरुआत करेंगे। इस प्रकार कृषि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम हो सकता हैं।